Gadariya kshatriya
Gadariya are upper caste these caste are belong to kshatriya varna and Gadariya are more powerful caste and mostly gadariya are live in delhi N.C.R like that palwal Faridabad gaziabad and west up meerut muzaffarnagar and etc.
These caste comes in obc category
All gadariya/pal/Baghel kshatriya proof in this pdf
Desh aazad hone se phle ke proof hai isme
अफगानिस्तान में आज भी “गंधार” जगह आज भी मोजूद है , जहाँ आज भी लोग भेड़ बकरी पालन का काम करते, गंधार जगह का नाम “गड़रियो” के कारन हे पड़ा |
उत्तराखंड में “गढ़वाल” क्षेत्र आज भी मोजूद है जहा आज भी विभिन जातिया भेड़ बकरी का पालन करते है | हिंदी में “गढ़” शब्द का अर्थ “भेड़” “बकरी” से है | इसी वजह से इस क्षेत्र का नाम “गढ़वाल” पड़ा |
“मध्य भारत” के राज्य “मध्य प्रदेश” जहाँ आज भी “गडरिया” समाज की बहुतात में जनसंख्या है | मध्य प्रदेश में “गडरियाखेडा” नाम से जगह है जिसका वर्तमान नाम “गदरवाडा” है है “ग़दर” शब्द का मध्य भारत की भाषा में अर्थ “भेड़” “बकरी” होती है| मध्य प्रदेश के “विधिशा” - “भोपाल ” मंडल में मोजूद “ग़दरमल” मंदिर जो की 800-900 A.D. के करीब किसी “गडरिया” राजा ने बनवाया था इसी कारन इस मंदिर का नाम“ग़दरमल” पड़ा|
मध्य भारत में “होलकर साम्राज्य” “धनगर” अर्थात गड़रियो का ही राजवंश है | जिसने भारत देश को “महान देवी अहिल्या बाई होलकर” जैसे महान रानी दी जिसने ना केवल हिन्दू समाज को मुगलों से बचाया बल्कि मुगलों दुवारा तोड़े गए मंदिरों को दुबारा बनवाया| स्वंत्रता सेनानी “यशवंतराव होलकर” व रानी “भीमाबाई होलकर” जैसे वीर स्वंत्रता सेनानी दिए | ग्वालियर जिले के गडरिया “तानसेन” का नाम तो सभी लोग जानते है जिनका गोत्र “बानिया” था इसी जाति से ताल्लुक रखते थे |
दक्षिण भारत में “गडरिया / धनगर” “कुरुबा” नाम से जाना जाता है जिसने भारत को “विजय नगर” साम्राज्य दिया | “कनकदास” “कालीदास” जैसे सन्त दिए | “संगोल्ली रायान्ना” जैसे स्वंत्रता सेनानी दिए जिन्होंने अपने प्राण देश के खातिर निरछावर कर दिए थे |
कहा जाता है
The Gadaria or Gadariya (also known as Baghela, Pal,[1] Gadri,[2][3] Gayri,[2] or Gayari[3]) is an ethnic group that was traditionally involved professionally in livestock breeding, especially sheep.[4] In Bihar they are called Gangajali, Bhedihar and Gaderi. They speak Hindi or local dialects.
श्री श्री 1008 बाबा #बालकदास महाराज की जय
जन्म स्थान- ग्राम मटियावली लहार जिला भिंड मध्यप्रदेश
तपस्या स्थान= सेवड़ा , कठवर, वेशमिंत्रा,गंगे बाबा स्थान पर की।
तपस्या करके जल समाधि हरिद्वार मे ली और हमेशा के लिए अमर हो गए। इनके दर्श मात्र से ही शरीरक रोगदोष कलेश सब दूर हो जाते है ऐसे संत चरणों मे मैं बारम्बार प्रणाम करता हूं
बघेल क्षत्रिय कुल में भगवान स्वरूप श्री श्री 1008 बाबा बालक दास महाराज जी की जय।
मंदिर मटियावली लहार
जल समाधि हरिद्वार।
Yeh sab book ke proof hai Gadariya kshatriya ke
ReplyDeleteJai gadariya samaj
Jai maa ahilya
Jai malhar
Bhai konsi book ke hai
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